जिसने तुमको सौंपा साकी मधुघट, प्याला, मृदु - हाला,
उसने हीं सौंपी है मुझको चिरनवीन तृषा आला,
साकी मेरे बिन मदिरालय का आँगन खाली - खाली,
चाहे लाखों भीड़ जुटा ले झूठ - मूठ की मधुशाला।।
............... सरोज कुमार
Friday 14 December 2012
34. आतुरता तासीर सुरा की
34.
माना मधुघट में हीं सागर भर लाई है मधुबाला,
माना प्याले में भर देगी वह फिर - फिर मादक हाला।
आतुरता तासीर सुरा की, तब कैसे थक जाऊँगा ?
मुत्यु - पार भी जाकर मुझको याद रहेगी मधुशाला।।
............ सरोज कुमार
माना मधुघट में हीं सागर भर लाई है मधुबाला,
माना प्याले में भर देगी वह फिर - फिर मादक हाला।
आतुरता तासीर सुरा की, तब कैसे थक जाऊँगा ?
मुत्यु - पार भी जाकर मुझको याद रहेगी मधुशाला।।
............ सरोज कुमार
Friday 23 November 2012
33. मदिरा जो पी ली जाती है बिन मधुघट बिन प्याले की
नित-नित रूप बदलती साकी की सुन्दरता की हाला
प्याले की क्या रही जरूरत आँखों से ही पी डाला.
मदिरा जो पी ली जाती है बिन मधुघट बिन प्याले की
उसकी मादकता के आगे शीश झुकाती मधुशाला.
Tuesday 23 October 2012
32. इस हमाम में आकर सारे नंगे हीं क्यों हो जाते ?
बड़े - बड़े बड़बोलों के मुंह पर लटका है अब ताला
जबसे जनता की नजरों में आया उनका घोटाला,
इस हमाम में आकर सारे नंगे हीं क्यों हो जाते ?
मौलिक शोध करेगी इसपर कब यह कायर मधुशाला ?
Thursday 27 September 2012
31. भगत सिंह जैसों की तो फांसी का फंदा थी दुल्हन
मांग रहे हैं पीनेवाले आज शहादत की हाला
साकी का असमंजस यह कि उसमें भी है घोटाला,
भगत सिंह जैसों की तो फांसी का फंदा थी दुल्हन
लेकिन काले-धन को दुल्हन मान रही अब मधुशाला.
............... सरोज कुमार
Wednesday 26 September 2012
30. परत - दर - परत अब खुलता जाता री साकी सब घोटाला
परत - दर - परत अब खुलता जाता री साकी सब घोटाला
लेकिन वह बेशर्म चाल फिर चल देता कुत्तेवाला,
मुद्दे नए- नए ले आता, बहस नयी छिड़ जाती है
विस्मृति का अभिशाप युगों से ढोती है यह मधुशाला.
............... सरोज कुमार
29. किसका किसका चरण गहे यह पैरोडी कहनेवाला
किसका किसका चरण गहे यह पैरोडी कहनेवाला
मौलिकता का रोग लगा बैठा है हर पीनेवाला,
दुहराता इतिहास तो कविता नयी कहाँ से लाऊँ मैं,
जन्मा, जीया, मरा पुनः बस यही कथा है मधुशाला.
............... सरोज कुमार
Wednesday 15 August 2012
28. हो कमजोर पकड़ प्याले पर उसको मत देना हाला
प्रधानमंत्री के द्वारा लालकिले से बिजली के सम्बन्ध में दिए गए आश्वासन के सन्दर्भ में-
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हो कमजोर पकड़ प्याले पर उसको मत देना हाला,
कठपुतली का खेल यहाँ अब और नहीं चलने वाला,
भाषण में हीं बाँट रहा जो बिजली घर-घर रे साकी !
उसकी बातों में आएगी अब क्योंकर यह मधुशाला ?
27. समृद्धि का नया ब्रांड, यह साकी लेकर आयी है
योजना आयोग द्वारा गरीबी की परिभाषा गढ़ने के सन्दर्भ में -
छब्बीस रुपयों में बंट जाती गांवों में सस्ती हाला.
बत्तीस रुपयों में पा जाते शहरी जन भी, यह प्याला.
समृद्धि का नया ब्रांड, यह साकी लेकर आयी है,
मस्त रहें सब पीने वाले मस्त रहे यह मधुशाला.
............सरोज कुमार
Saturday 28 July 2012
26. नीयत सबकी समझ रही है साफ-साफ यह मधुशाला.
26.
बड़े-बड़े बड़बोलों के मुंह पर लटका है अब ताला
किसी मर्द से शायद उनका साकी पड़ा है अब पाला.
लोकपाल का ऊंट भले हीं बैठे चाहे जिस करवट
नीयत सबकी समझ रही है साफ-साफ यह मधुशाला.
Tuesday 24 July 2012
25. भ्रष्ट विचारों वाली दुनियां में 'अन्ना' एक मतवाला
भ्रष्ट विचारों वाली दुनियां में 'अन्ना' एक मतवाला
उनके अनसन में शामिल होने को जाती मधुबाला
मैं भी उसके हीं पीछे जाता हूँ यारों! माफ़ करो
परदे के पीछे से मुझ को अब ढूंढेगी मधुशाला.
24. अन्ना ने हुंकार भरी तो छलक उठा मेरा प्याला
अन्ना ने हुंकार भरी तो छलक उठा मेरा प्याला,
कांग्रेस जन को लगे भले हीं यह थोड़ी कड़वी हाला,
साकी का उत्साह जरा देखो तो यारों सर्दी में
पहुँच गयी दिल्ली, अनसन में भी हाजिर है मधुशाला.
23. मौन खड़ी है मधुशाला
सन सैंतालिस में स्वतंत्रता की सत्ता की पी हाला,
स्विस बैंक में जमा कराता रहा आज तक धन काला.
ऐसे पीने वालों में कुछ लुढ़क रहे दस जनपथ पर,
पूछ रही है खैर अदालत, मौन खड़ी है मधुशाला.
....... सरोज कुमार
Saturday 21 July 2012
22. नंगी हाला
22.
नंगी होकर बाँट रही हैं यहाँ आचरण की हाला
पूनम पाण्डे, शर्लिन जैसी महादेवियाँ मधुबाला
मदहोशी का ऐसा आलम कब देखा दीवानों ने ,
नैतिकता का नए सिरे से पाठ पढ़ाती मधुशाला.
.......... सरोज कुमार
Tuesday 17 July 2012
21. अनुभव की भट्ठी
21.
दुनिया भर से ठोकर खाकर लेता जो कर में प्याला
उसके हीं अनुभव की भट्ठी में बनती यह मृदु हाला
साकी का स्पर्श स्नेह का मादकता बन जाती है,
पीनेवालों की हीं विनती पर खुलती है मधुशाला.
Sunday 8 July 2012
20. सावन
सावन साकी बन कर आया आज पिलाने को हाला
बूँद-बूँद टपका कर भरता धनहर खेतों का प्याला
देख छटा मन - मोर नाचता, धरती की आशा जागी
पहले तरसाती है जीभर फिर हर्षाती मधुशाला.
Saturday 30 June 2012
Monday 28 May 2012
Thursday 24 May 2012
Monday 21 May 2012
Thursday 17 May 2012
Wednesday 16 May 2012
Monday 14 May 2012
Sunday 13 May 2012
Saturday 12 May 2012
Friday 11 May 2012
Monday 7 May 2012
Sunday 6 May 2012
Saturday 5 May 2012
Monday 30 April 2012
1. कविवर हरिवंश राय बच्चन के सम्मान में -
संकेतों में जटिल विषय को व्याख्यायित करनेवाला
नए प्रतीकों में कविता को था सबसे पहले ढाला,
जिसने तन के प्याले में जीवन की हाला थी ढाली
बच्चन! तेरी मादकता से सुरभित अब भी मधुशाला.
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