Thursday 24 May 2012

13.

कांग्रेसी संस्कृति से उपजी अकर्मण्यता की हाला
पीकर स्वयं बहकती मुझको भी पकडाती है प्याला.
"तेल - कमिटी" साकी बनकर मुद्दे को उलझाती है
जबकि आशा-भरी निगाहें रखती उसपर मधुशाला.

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