Thursday 24 May 2012

14.

देख रही है तेल, तेल की धार यहाँ साकीबाला

घुंघट के पट के भीतर, पक रहा नया एक घोटाला.
आम आदमी की सारी ऊर्जा अवशोषित कर लेती
'तेल - कमिटी' की गतिविधियाँ जान न पाती मधुशाला.

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