मधुशाला (नयी रुबाइयाँ ) MADHUSHALA (new rubaiyan)
Saturday 28 July 2012
26. नीयत सबकी समझ रही है साफ-साफ यह मधुशाला.
26.
बड़े-बड़े बड़बोलों के मुंह पर लटका है अब ताला
किसी मर्द से शायद उनका साकी पड़ा है अब पाला.
लोकपाल का ऊंट भले हीं बैठे चाहे जिस करवट
नीयत सबकी समझ रही है साफ-साफ यह मधुशाला.
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