मधुशाला (नयी रुबाइयाँ ) MADHUSHALA (new rubaiyan)
Saturday 30 June 2012
18.
अंतर की आकुलता जब परिपक्व हुई तो बन हाला
ढल जाती है स्वयं, नहीं मोहताज कि कोई मधुबाला
कविता के प्याले में आकर हमें ढालना सिखलाये
यह तो खुद उद्बुद्ध हुआ करती है कहती मधुशाला.
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