Tuesday 21 May 2013

37. कितनी आसानी से मुद्दे मोड़ रही है मुधुशाला

37.

साकी वे दिन कहाँ गए जब खाते थे कोयला काला ,
टू जी, थ्री जी, जीजाजी की हीं चर्चा थी धत साला।
अब तो बस श्री - संत महोत्सव हीं दिखलाई पड़ता है,
कितनी आसानी से मुद्दे मोड़ रही है मुधुशाला।। 

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