मधुशाला (नयी रुबाइयाँ ) MADHUSHALA (new rubaiyan)
Friday 14 December 2012
35. साकी मेरे बिन मदिरालय का आँगन खाली - खाली
जिसने तुमको सौंपा साकी मधुघट, प्याला, मृदु - हाला,
उसने हीं सौंपी है मुझको चिरनवीन तृषा आला,
साकी मेरे बिन मदिरालय का आँगन खाली - खाली,
चाहे लाखों भीड़ जुटा ले झूठ - मूठ की मधुशाला।।
............... सरोज कुमार
34. आतुरता तासीर सुरा की
34.
माना मधुघट में हीं सागर भर लाई है मधुबाला,
माना प्याले में भर देगी वह फिर - फिर मादक हाला।
आतुरता तासीर सुरा की, तब कैसे थक जाऊँगा ?
मुत्यु - पार भी जाकर मुझको याद रहेगी मधुशाला।।
............ सरोज कुमार
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