Saturday 30 June 2012

19.

मैं तो बस उठने हीं वाला था लेकर खाली प्याला
लेकिन इंगित से साकी ने कहा अभी बाँकी हाला.
"कितना भी खाली - खाली सा दिखता हो मन का आँगन
सच्चे पीनेवालों को क्यों मना करेगी मधुशाला ?

18.

अंतर की आकुलता जब परिपक्व हुई तो बन हाला
ढल जाती है स्वयं, नहीं मोहताज कि कोई मधुबाला
कविता के प्याले में आकर हमें ढालना सिखलाये
यह तो खुद उद्बुद्ध हुआ करती है कहती मधुशाला.