Friday 23 November 2012

33. मदिरा जो पी ली जाती है बिन मधुघट बिन प्याले की

नित-नित रूप बदलती साकी की सुन्दरता की हाला
प्याले की क्या रही जरूरत आँखों से ही पी डाला.
मदिरा जो पी ली जाती है बिन मधुघट बिन प्याले की
उसकी मादकता के आगे शीश झुकाती मधुशाला.